अरे चली चली हाये किधर चल
अरे ओह मंचली ओह अनारकल

ऐसे लचक लचक क
मटक मटक के भटक रही तू गल
तेरे ठुमके पे झुमके झूम झूम क
दिल में उठाए खलबल

चांदी जैसा रंग है मेर
सोने जैसे बाल
खबर मेरी सारी दुनिया क
तू ही न पूछे हाल

हाँ चांदी जैसा रंग है मेर
सोने जैसे बाल
खबर मेरी सारी दुनिया क
तू ही न पूछे हाल

तुझ बिन तन्हा पड़ गई म
हाये प्यासी ही मर गई म
थोड़ी सी ठंडक मेरे भ
कलेजे को दिला द

ज़ालिमा कोका कोला पिला द
ज़ालिमा कोका कोला पिला द
आग तूने जो लगाई बुझा द
ज़ालिम

काहे को ऐसे रोके दिल हो बेकार ज
तेरी ही खातिर बैठी हूँ मैं तैयार ज
मांगूं ना गहना तुझसे हीरा मोती वाल
काहे कहूं कि कोई जोड़ा सिला द

ज़ालिम
ज़ालिमा कोका कोला पिला द
ज़ालिमा कोका कोला पिला द
आग तूने जो लगाई बुझा द
ज़ालिम

ज़ालिमा कोका कोला पिला द
ज़ालिमा कोका कोला पिला द
आग तूने जो लगाई बुझा द
ज़ालिम

Composição: Vayu / Tanishk Bagchi